Thursday, January 21, 2021

PRE(IAS)Exam-Paper 1st-Sub Topic- Tiger Reserves in India

बाघ, खाद्य श्रृंखला में शीर्ष परभक्षी है और इस प्रकार, इसकी आबादी एक पारिस्थितिकी तंत्र की आरोग्‍यता एवं अस्तित्व का संकेतक है। बाघ अभयारण्‍य सरकार द्वारा विशेष रूप से अधिसूचित वे क्षेत्र हैं जो बाघ की रक्षा और पारिस्‍थितिकी में उनके शिकार की एक विस्तृत श्रृंखला को संरक्षित करते हैं। इन्‍हें 'प्रॉजेक्ट टाइगर' द्वारा प्रशासित किया जाता है।

बाघ अभयारण्‍य

  • बाघ अभयारण्‍य राष्‍ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) द्वारा प्रशासित हैं।
  • प्रारंभ में, केवल 9 बाघ अभयारण्‍य इस योजना में शामिल किए गए थे।
  • लेकिन आज, यह संख्या बढ़कर 50 हो गई है (इनकी सूची लेख के अंत में दी गई है)।
  • NTCA की सिफारिश पर, राज्य सरकार को एक क्षेत्र को बाघ अभयारण्‍य अधिसूचित करने का अधिकार है।
  • भारत के 17 राज्यों (बाघ अभयारण्‍य राज्य) में 50 बाघ अभयारण्‍य हैं, जो दुनिया की लगभग 70% बाघ आबादी का आवास है।
  • वर्ष 2006 में 1,411 बाघों से, यह संख्या बढ़कर वर्ष 2010 में 1,706 और वर्ष 2014 में 2,226 हो गई।

महत्वपूर्ण तथ्य

  • भारत में सबसे बड़ा बाघ अभयारण्‍य- नागार्जुनसागर-श्रीशैलम बाघ अभयारण्‍य (आंध्र प्रदेश, तेलंगाना)
  • भारत में सबसे छोटा बाघ अभयारण्‍य- बोर बाघ अभयारण्‍य (महाराष्‍ट्र)

संरचना:

  • एक बाघ अभयारण्‍य को 'कोर-बफर रणनीति' के आधार पर निर्धारित किया जाता है, जिसमें शामिल हैं:
    (i) कोर जोन
    (ii) बफर जोन

प्रॉजेक्‍ट टाइगर

  • इसे देश में वर्ष 1973 में पलामू टाइगर रिजर्व में शुरु किया गया था।
    पहली बार प्रोजेक्ट टाइगर 1973 में जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क, उत्तराखंड में लॉन्च किया गया था। (कुछ स्रोतों में)
  • यह भारतीय वन्यजीव बोर्ड के एक विशेष कार्यदल की सिफारिश के आधार पर विश्‍व वन्यजीव कोष (World Wildlife Fund) की सहायता से शुरु किया गया था।

राष्‍ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA)

  • यह वन्य जीवन संरक्षण (संशोधन) अधिनियम, 2006 के तहत गठित एक वैधानिक निकाय है।
  • इसकी सिफारिश टाइगर टास्क फोर्स ने की थी।
  • यह बाघ के संरक्षण के लिए प्रॉजेक्‍ट टाइगर के तहत किए गए सभी उपायों और कार्यों के प्रति उत्‍तरदायी है।
  • पर्यावरण एवं वन मंत्री इसके अध्यक्ष हैं और पर्यावरण एवं वन राज्य मंत्री इसके उपाध्‍यक्ष हैं।
  • NTCA/प्रॉजेक्ट टाइगर प्रत्‍येक चार वर्ष में एक बार बाघों, सह-परभक्षियों, शिकार और निवास स्थान की स्थिति का देश स्तर पर मूल्यांकन करता है। यह टाइगर टास्क फोर्स द्वारा अनुमोदित परिशोधित कार्य पद्धति का उपयोग करके किया जाता है।

चरण IV कार्यक्रम

  • चरण IV कार्यक्रम के माध्यम से, NTCA ने अपने बाघ निगरानी कार्यक्रम के व्यापक विस्तार की घोषणा की है।
  • कार्य पद्धति का विकास भारतीय वन्यजीव संस्थान (WII) और NTCA द्वारा किया गया था। यह देश भर में बाघों की आबादी का एक वार्षिक अनुमान प्रदान करेगा।

अंतर्राष्‍ट्रीय सहयोग

  • नेपाल के साथ वन्यजीवों का सीमा-पार अवैध व्यापार रोकने के लिए समझौता ज्ञापन।
  • चीन के साथ बाघ संरक्षण पर एक प्रोटोकॉल।
  • टाइगर रेंज देशों के एक ग्लोबल टाइगर फोरम की स्‍थापना।
  • बाघ संरक्षण पर तीसरे एशियाई मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में ‘नई दिल्ली प्रस्‍ताव’ (New Delhi Resolution) पारित किया गया था।
  • उप-महाद्वीप में ‘बाघ संगणना -2018’ को पूरा करने के लिए भूटान, नेपाल और बांग्लादेश ने भारत के साथ हाथ मिलाया।

हाल ही के सुधार

  • वर्ष 2018 की संगणना के लिए, NTCA ने 'M-STrIPES' नाम का एक एंड्रॉइड ऐप विकसित किया।
    उद्देश्य: 
    (i) उचित स्थान के आंकड़े दर्ज करने और अधिक सटीक रिकॉर्ड के लिए।
    (ii) गश्त को बढ़ाने और बाघों की निगरानी के लिए।
  • बाघ संगणना 2018 का प्राथमिक उद्देश्‍य: पूर्वोत्‍तर भारत को कवर करना जो पिछली संगणना में शामिल नहीं था।
  • पहली बार, भूटान, नेपाल और बांग्लादेश विशेष रूप से आपसी सीमा क्षेत्र में बाघों की गणना के लिए एक-साथ आगे आए हैं।
  • पिछली संगणना में, केवल नेपाल और बांग्लादेश गणना में शामिल हुए थे।

वन्यजीव (संरक्षणअधिनियम1972 और वर्ष 2006 में संशोधित अधिनियम के तहत अधिसूचित ‘भारत में बाघ अभयारण्‍य’ की सूची:

क्रमांक

बाघ अभयारण्‍य का नाम (निर्माण वर्ष)

राज्‍य

1

बांदीपुर (1973-74)

कर्नाटक

2

कॉर्बेट (1973-74)

उत्‍तराखंड

अमनगढ़ (कॉर्बेट टी.आर का बफर)

उत्‍तर प्रदेश

3

कान्‍हा (1973-74)

मध्‍य प्रदेश

4

मानस (1973-74)

असम

5

मेलघाट (1973-74)

महाराष्‍ट्र

6

पालामू (1973-74)

झारखंड

7

रणथंभौर (1973-74)

राजस्‍थान

8

सिमलि‍पाल (1973-74)

ओडिशा

9

सुंदरवन (1973-74)

पश्‍चिम बंगाल

10

पेरियार (1978-79)

केरल

11

सरिस्‍का (1978-79)

राजस्‍थान

12

बुक्‍सा (1982-83)

पश्‍चिम बंगाल

13

इंद्रावती (1982-83)

छत्‍तीसगढ़

14

नमदाफा (1982-83)

अरुणाचल प्रदेश

15

दुधवा (1987-88)

उत्‍तर प्रदेश

16

कालाकड़-मुंडनथुरई (1988-89)

तमिलनाडु

17

वाल्‍मीकि (1989-90)

बिहार

18

पेंच(1992-93)

मध्‍य प्रदेश

19

ताडोबा-अंधेरी (1993-94)

महाराष्‍ट्र

20

बांधवगढ़ (1993-94)

मध्‍य प्रदेश

21

पन्‍ना (1994-95)

मध्‍य प्रदेश

22

दंपा (1994-95)

मिजोरम

23

भद्र (1998-99)

कर्नाटक

24

पेंच (1998-99)

महाराष्‍ट्र

25

पाक्‍के (1999-2000)

अरुणाचल प्रदेश

26

नामेरी (1999-2000)

असम

27

सत्‍पुड़ा (1999-2000)

मध्‍य प्रदेश

28

अन्‍नामलाई (2008-09)

तमिलनाडु 

29

उदन्‍ती-सीतानदी (2008-09)

छत्‍तीसगढ़

30

सत्‍कोसिया (2008-09)

ओडिशा

31

काजीरंगा (2008-09)

असम

32

अचनकमार (2008-09)

छत्‍तीसगढ़

33

दंदेली-अंशी (काली) (2008-09)

कर्नाटक

34

संजय-डुबरी (2008-09)

मध्‍य प्रदेश

35

मुदुमलाई (2008-09)

तमिलनाडु

36

नागरहोल (2008-09)

कर्नाटक

37

परम्‍बिकुलम (2008-09)

केरल

38

सहयाद्रि‍ (2009-10)

महाराष्‍ट्र

39

बिलिगिरी रंगनाथ मंदिर (2010-11)

कर्नाटक

40

कावल (2012-13)

तेलंगाना

41

सत्‍यमंगलम (2013-14)

तमिलनाडु

42

मुकन्‍दरा हिल्‍स (2013-14)

राजस्‍थान

43

नवेगांव-नागझिरा (2013-14)

महाराष्‍ट्र

44

नागार्जुनसागर श्रीशैलम (1982-83)

आंध्र प्रदेश

45

अम्राबाद (2014)

तेलंगाना

46

पीलीभीत (2014)

उत्‍तर प्रदेश

47

बोर (2014)

महाराष्‍ट्र

48

राजाजी (2015)

उत्‍तराखंड

49

ओरांग (2016)     

असम  

50

कमलंग (2016)

अरुणाचल प्रदेश


No comments:

Post a Comment

zindagiias

Indian History in Chronological Order: Important Dates

  Indian History in Chronological Order: Important Dates   In decoding the past events, a system of dating is fundamental. Therefore, a meth...