Friday, January 22, 2021

PRE(IAS)Exam-Paper 1st-Sub Topic- Chinook Helicopter (Boeing CH-47

4 चिनूक हेलीकॉप्टरों के पहले बैच के रूप में भारतीय वायु सेना के लिए एक अच्छी खबर 11 फरवरी को गुजरात के मुंद्रा पोर्ट में आई। यह वायु सेना के लिए एक सकारात्मक संकेत है जो समय के साथ पर्याप्त रूप से खुद को लैस करने हेतु संघर्ष कर रही है।

बोइंग सी.एच-47 चिनूक

डील:

भारतीय वायु सेना अपने एलिंग रूस द्वारा निर्मित एम.आई-17 मीडियम लिफ्ट हेलिकॉप्टरों, एम.आई-26 एवं एम.आई-35 अटेक हेलीकॉप्टरों सहित, रसद आपूर्ति और समर्थन के साथ संघर्ष कर रही है। पाकिस्तान और चीन के खिलाफ सीमाओं पर तनाव बढ़ने के साथ, भारत ने तेजी से अपनी रक्षा खरीद को बढ़ाया है।

भारत ने 2018 में 15 सी.एच-47 चिनूक और 22 ए.एच-64 अपाचे हेलीकॉप्टरों की खरीद के लिए यू.एस.ए के साथ 3 बिलियन डॉलर के समझौते पर हस्ताक्षर किए, ये निर्णय 3 वर्ष के विचार-विमर्श के बाद लिया गया।

हेलिकॉप्‍टर:

अमेरिकी भारतीय जनजाति के नाम पर, CH-47 F (I) "चिनूक" एक उन्नत मल्‍टी-मिशन हेलीकॉप्टर है जिसका निर्माण बोइंग द्वारा किया गया था। इसे 1962 में पेश किया गया था और इसने वियतनाम, अफगानिस्तान और ईरान में कईं अभियानों में भाग लिया। इसे दुनिया के सबसे उन्नत भारी लिफ्ट हेलीकॉप्टरों में से एक माना जाता है।

बोइंग ने अपनी आपूर्ति श्रृंखला को सुदृढ़ किया है एवं चिनूक हेलीकॉप्टरों के बड़े वर्गों के निर्माण हेतु जे.वी में लगभग 160 साझेदार हैं।

क्षमता:

हेलीकॉप्टर 9.6 टन का पेलोड ले जा सकता है जिसमें भारी मशीनरी जैसे आर्टिलरी गन, हॉवित्जर और यहां तक कि हल्के बख्तरबंद वाहन भी शामिल हैं। इस क्षमता का उपयोग बचाव कार्यों, आपदा राहत कार्यों, एयरक्राफ्ट रिकवरी और पैराशूट ड्राप्‍स के लिए भी किया जा सकता है।

यह सीमा सड़क संगठन (बी.आर.ओ) को लंबे समय से लंबित सड़क निर्माण परियोजनाओं को पूरा करने में भी मदद कर सकता है और पूर्वोत्तर भारत को बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान कर सकता है।

भारी भारोत्तोलकों का टकराव: Mi-26 बनाम चिनूक

रूसी निर्मित एम.आई-26 युगों से भारत का हिस्सा रहा है, लेकिन भारतीय वायु सेना कईं मुद्दों का सामना कर रही है, सबसे प्रमुख मुद्दा स्पेयर पार्ट्स है। अक्सर यह देखा जाता है कि एम.आई-26 अपना ज्यादातर समय हवा की तुलना में जमीन पर बिताता है। हेलीकॉप्टर की परिचालन लागत को जोड़ने के लिए यह बहुत बड़ा है। इसलिए चिनूक को खरीदना बेहतर विकल्प है।

Source: Tribune India

दुनिया भर में:

बोइंग द्वारा 1100 से अधिक चिनूक का निर्माण किया गया है और दुनिया भर के लगभग 19 देश चिनूक का उपयोग कर रहे हैं। भारत 9वां गैर-नाटो देश है जिसने भारत का पहला चिनूक हेलीकॉप्टर प्राप्त किया है।

यहां गैर-नाटो देशों की सूची दी गई है: लीबिया, ईरान, मोरक्को, दक्षिण कोरिया, थाईलैंड, चीन, जापान और सिंगापुर।   

एयर बेस और प्रतिष्ठान:

हेलीकॉप्टर को चंडीगढ़ एयर फोर्स स्टेशन के साथ-साथ नॉर्थ-ईस्ट में मोहनबाड़ी में तैनात किया जाएगा। IAF ने अक्टूबर, 2018 में डेलावेयर, संयुक्त राज्य अमेरिका में नए हेलीकॉप्टरों पर अपने पायलट को पहले ही प्रशिक्षित किया है।

निष्‍कर्ष:

चिनूक भारतीय वायु सेना के शस्त्रागार में सबसे महत्वपूर्ण चीजों में से एक है जो इसकी सैन्य क्षमता को काफी हद तक बढ़ाएगा।


No comments:

Post a Comment

zindagiias

Indian History in Chronological Order: Important Dates

  Indian History in Chronological Order: Important Dates   In decoding the past events, a system of dating is fundamental. Therefore, a meth...